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crown

Well-Known Member
#1
Namaste

Just thought of starting a simple thread on Ghalib Sahab.

I will be putting some good material from ghalib over here with comments.

दोस्त, गमख्वारी में मेरी सई फरमाएंगे क्या (मतलब मुसीबत के समय दोस्त क्या मेरी मदद करेंगे )
ज़ख्म के भरने तलक, नाखून न बढ़ जायेंगे क्या ?

बे नियाजी (किसी को नफरत से उसकी उपेक्षा करना)
बे नियाजी हद से गुजरी, बंदा-परवर कब तलक
हम कहेंगे हालेदिल और आप फरमाएंगे, क्या ? (मतलब बात को सुन कर भी अनसुना करना बेइज्जती करने के लिए )

गर किया नासेह ने हमको कैद, अच्छा यूँ सही
ये जुनूने इश्क के अंदाज़ छूट जायेंगे क्या ?

है अब इस मामूरा (बस्ती) में कहते गमे उल्फत 'असद' (असद ग़ालिब का असली नाम था और मतलब ये कि अब इस बस्ती में दुःख की कमी है )
हमने ये माना कि दिल्ली में रहें, पर खायेंगे क्या ?
 

crown

Well-Known Member
#2
किसी को दे के दिल कोई, नवासंजे फुगाँ क्यूँ हो ?
न हो जब दिल ही सीने में, तो फिर मुह में जुबां क्यूँ हो ?

** ये दो तरफ़ा बात है | एक तरफ तो जैसे लग रहा है ग़ालिब आशिक महबूब की बात कर रहे है, तो दूसरी तरफ जैसे इश्वर की तरफ इशारा है
नवासंजे फुगाँ से मतलब है बुरी तरह रोने और अफ़सोस करने की स्थिति | किसी को दिल देने के बाद या फिर इश्वर से आशिकी करने के बाद, कोई रोता क्यूँ है ?
क्यूंकि जब दिल दे ही दिया इश्वर को या अपने प्यारे को (जो मतलब चाहे लगा लो ) तो खुद के पास तो दिल होना नहीं चाहिए | और जब खुद के पास दिल है ही नहीं तो भावनाएं भी नहीं होनी चाहिए, और जब भावनाएं ही नहीं तो रोकर कौन सा दुःख व्यक्त कर रहे हो मतलब कि मुह में जुबां नहीं होनी चाहिए |

वो अपनी खू (आदत) न छोड़ेंगे, हम अपनी वजह क्यूँ छोड़े ?
सुबुकसर बनके (अपमानित होकर ) क्या पूंछे?, कि हमसे सरगिराँ (नाराज़) क्यूँ हो ?

किया गमख्वार (सहानुभूति देने वाला) ने रुसवा, लगे आग इस मुहब्बत को
न लावे ताब जो गम की (जिसमे बर्दाश्त करने की ताक़त नहीं है ), वो मेरा राज़दां (दोस्त ) क्यूँ हो ?

वफ़ा कैसी, कहाँ का इश्क, जब सर फोड़ना ठहरा
तो फिर ऐ संगेदिल (पत्थर दिल ), तेरा ही संगे आस्तां (तेरी चौखट का पत्थर / मंदिर-मस्जिद का दरवाजा ) क्यूँ हो ?
** मतलब की जब किस्मत में कुछ अच्छा है ही नहीं तो क्या फायदा प्रार्थना करने का

ये फितना (ये उपद्रव, ये मुसीबत, ये असीम दुःख ), आदमी की खाना-वीरानी (बर्बादी) को क्या कम है
हुए तुम दोस्त जिसके, दुश्मन उसका आसमान क्यूँ हो ?
** ये इश्वर को ताना मारा गया है दुःख में
 

crown

Well-Known Member
#3
रहिये अब ऐसी जगह चलकर, जहां कोई न हो
हमसुखन (बात करने वाला ) कोई न हो और हमजुबां (भाषा समझाने वाला ) कोई न हो

बे दरो दीवार सा इक घर बनाया चाहिए
कोई हम साया न हो और पासबां (रक्षा करने वाला ) कोई न हो

पड़िये गर बीमार तो कोई न हो तीमारदार
और अगर मर जाईये तो नोवाख्वां (अफ़सोस करने वाला ) कोई न हो
 

crown

Well-Known Member
#4
कोई उम्मीद बर नहीं आती (कोई उम्मीद पूरी नहीं होती )
कोई सूरत नज़र नहीं आती (कोई तरीका भी नज़र नहीं आता उम्मीद के पूरे होने का )

मौत का एक दिन मुय्यन है (निश्चित है )
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती ?
आगे (पहले) आती थी हालेदिल पे हंसी
अब किसी बात पर नहीं आती
जानता हूँ सबाबे ताअत ओ ज़ोहद (प्रार्थना और संयम का पुण्य/नतीजा मालूम है की अच्छा होता है )
पर तबियत इधर नहीं आती (पर मन नहीं करता )
है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूँ
वरना क्या बात कर नहीं आती (बात करना )

हम वहां है जहाँ से हमको भी
कुछ हमारी खबर नहीं आती
मरते है आरज़ू में मरने की
मौत आती है, पर नहीं आती
काबा किस मुह से जाओगे 'ग़ालिब'
शर्म तुमको मगर (शायद), नहीं आती
 

crown

Well-Known Member
#5
गैर लें महफ़िल में बोसे (चुम्बन) जाम के
हम रहे यूँ, तशना लब (प्यासे होंठ ) पैगाम के
(मतलब की हमें तो कोई सन्देश/पैगाम भी नहीं और गैरों को शराब परोसी जा रही है , मतलब की fully ignore किया जा रहा है )

खस्तगी (अपनी बुरी हालत, घायल अवस्था ) का तुमसे क्या शिकवा (शिकायत )
हथकंडे है चरखे नीली फाम के ( नीले आकाश के यानि ऊपर वाले के )

ख़त लिखेंगे, गरचे मतलब कुछ भी न हो
हम तो आशिक है तुम्हारे नाम के
इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
 

crown

Well-Known Member
#7
#9
ग़ालिब ने किया है इतना असर की हर दिल में आज ग़ालिब है बसा,
गर होगी न कोई गुस्ताकी तो चाँद अलफ़ाज़ पेश किये है इस दिल ने

अगर होती मुहब्बत सूरत से तो !
कोई खुबसूरत चेहरा उदास न मिलता !!
...मुहब्बत तो कदरदान दिलो का है ऐसा असर !!!
जिसकी रोशनी से हर उदास चेहरा है खिलता !!!!
चेहरा तो बस एक रास्ता है !
प्यार तो दिलो में ही बस्ता है !!

--- मेरे दिल में बसे ग़ालिब का असर
 

crown

Well-Known Member
#10
It will be very good if you can give the English
translations..
Namaste Murthyavr bhai

I tried, but I just am not capable of putting it in english. The emotions are not being carried upon as in hindi. May be because I am not so good in english.


But, I will keep this in mind and whenever and where ever I can, I will try my best to put english translation also.

Thanks bhai